प्रेरकः सूचकश्वैव वाचको दर्शकस्तथा |
शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः ||
प्रेरणा देनेवाले, सूचन देनेवाले, (सच) बतानेवाले, (रास्ता) दिखानेवाले, शिक्षा देनेवाले, और बोध करानेवाले –
ये सब गुरु समान है ।
वस्तुतः शिक्षकों से बड़ा तो कोई नही है,
ज्ञान विज्ञान,
सत्य धर्म,
हर प्रकार की जानकारी,
जिसे जो भी दे रहा है,
सिखाने वाले,
ट्रेनर,
कोच,
वरिष्ठ जन,
मार्गदर्शक,
गुरु,
सही रास्ता दिखाने वाला,
रेहड़ी ठेले वाला,
या किसी चौराहे के कोने में लोगो के बिगड़े चप्पल को बनाते हुए,भटको को रास्ता बताता
कर्मकार,
शिक्षक ही है,
कक्षा में कोर्स पढ़ाने वाला ही नही,
घर मे
पढ़ाने वाला बड़ा बुजुर्ग,
आजकल तो बच्चे भी अधिक जानते है,
अपने पेरेंट्स को सिखाते है,
सीखते भी है
सभी एक दूसरे से सीख रहे है,
गूगल और वर्ल्ड वाइड वेब से सीख रहे है,
कई इंजीनियर या
अन्य कर्मी दुनिया से जानकारियां लेकर लगातार उसमें उपलब्ध करा रहे है,
दिशादर्शन में मदद कर रहे,
समय भी सबका और सबसे बड़ा शिक्षक है,
ऐसे सभी
शिक्षक महमनाओ
का पूजन ,
वंदन,
का दिवस है,
शिक्षक दिवस
मन से, दिल से,
मनाने,
मानने ,
का दिवस है,
शिक्षक दिवस
समस्त प्रकार के शिक्षण में लीन
शिक्षकों प्रशिक्षक
मार्गदर्शक वरिष्ठ जन
का हार्दिक अभिनंदन,
प्रणाम
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