नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ‘’अपना कार्ड भुगतान नेटवर्क रुपे” राष्ट्र को समर्पित किया. एक आधिकारिक बयान में कहा कि रुपे कार्ड देश के सभी 1.6 लाख से अधिक एटीएम, 9.45 लाख से अधिक बिक्री केन्द्रों (पीओएस टर्मिनल) और ई-वाणिज्य पोर्टल (करीब 10,000) पर स्वीकार किया जाएगा. रुपे एक नई कार्ड भुगतान प्रणाली है. इसे रुपया और पेमेंट यानी भुगतान इन दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस कार्ड का एक अन्य संस्करण किसान कार्ड जारी कर रहे हैं. यह 43 बैंकों से जारी डेबिट कार्ड से अलग होगा.
आईआरसीटीसी भी प्री-पेड रुपे का एक और मॉडल जल्द ही जारी करेगी. 150 से अधिक सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने भी रुपे एटीएम कार्ड जारी किया है. बयान में कहा गया कि अब तक कुल 1.7 करोड़ कार्ड जारी किए जा चुके हैं. और इनकी संख्या 30 लाख प्रति माह की दर से बढ़ रही है.
यह घरेलू नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय कार्ड नेटवर्क पर निर्भरता कम करेगी. रुपे कार्ड का विकास भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने किया है. इसका निर्माण बैंकिंग उद्योग ने और इस गैर मुनाफा कंपनी का प्लान रिजर्व बैंक ने तैयार किया है.