नई दिल्ली : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सकती हैं। मोदी सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के समारोह में आने के कार्यक्रम को देखते हुए जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने यह फैसला किया है। नरेंद्र मोदी का शपथग्रहण समारोह सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित हो रहा है। इस समारोह के लिए सार्क देशों के राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। राजपक्षे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने समारोह में आने की अपनी पुष्टि कर दी है।
सूत्रों की मानें तो जयललिता समारोह में अपना प्रतिनिधमंडल भी नहीं भेजेंगी। जयललिता और नरेंद्र मोदी अच्छे दोस्त बताए जाते हैं और 2014 के लोकसभा चुनावों में वे एक-दूसरे पर निजी हमले करने से भी बचे हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों ने एक-दूसरे को बधाई दी है। जयललिता श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को शपथग्रहण के लिए न्योता दिए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुकी है। वहीं चेन्नई में राजपक्षे के आने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।
लोकसभा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी एआईडीएमके की प्रमुख जयललिता ने इससे पहले राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाए जाने पर खेद जताया था। उन्होंने कहा था कि तमिलों का श्री लंका के प्रति रुख जाहिर है और नई सरकार आने भर से तमिलनाडु और श्री लंका के रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आया है।