नई दिल्ली.एक न्यूज चैनेल के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह तीखे सवालों के जवाब दिये . विवादों में रहना, बेबाक बयान, और कांग्रेस का सबसे मुखर चेहरा. ये है दिग्विजय सिंह की पहचान…राजनीति में 40 साल से ज्यादा का तजुर्बा और कांग्रेस में सबसे बड़ा मुखर चेहरा.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहली बार इस चुनाव में इतना मीडिया हाइप मिला. बीजेपी चुनाव की शुरुआत करती है विकास के नाम पर. अंतिम समय पर फिर एजेंडा आ जाता है हिन्दुत्व. मोदी की बातें ऐसी लगती है जैसे सिर्फ शपथ लेना बाकी रह गया है. क्या सिर्फ बिजली पानी ही विकास है. व्यक्ति के डेवलमेंट से ही विकास होता है. मोदी के मॉडल से व्यक्ति बाहर है. टू जी स्पेक्ट्रम हो चाहे कोल हो सीडब्लूजी..जिसने भी गलती की चाहे वह मंत्री हो चाहे अधिकारी. सबको जेल मिली.
मोदी का हौव्वा खड़ा कर रही है कांग्रेस?
देखिए मोदी सरकार ने जमीन अलाटमेंट गलत तरीके से की इसे मुद्दा बनाकर सामने लाना हमारे कर्तव्य है. कांग्रेस वहां की नीति के खिलाफ है.जबकि हरियाणा और वहां का मामला अलग है. राबर्ट वाड्रा को हरियाणा सरकार ने एक इंच जमीन भी अलाट नहीं की .
इन मामलों के उठाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि पॉलीटिक्स में नुकसान फायदा होता रहता है. सबको अपनी बात कहने का हक है.
जो आंकड़े मैंने दिये हैं वह मुझे कांग्रेस पार्टी ने ही दिये हैं. कांग्रेस पार्टी अपनी नीति और नियमों पर चल रही है. हमने गरीबी भी कम की है. किसी भी सरकार ने 9 आईआईटी और 7 आईआईएएम चालू नहीं किये हैं.
शिक्षा, स्वास्थ्य, सेहत और महिलाओं की सुरक्षा पर आपकी क्या पॉलिसी होगी. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आप देखेंगी हमारे घोषणापत्र में सबकुछ है. हमारे घोषणापत्र में ये सारे मुद्दे आप देख लेंगी वहां है. हम महिला रिजर्वेशन नहीं ला पाए क्योंकि आंकड़े हमारे साथ नहीं थे.
अगर प्रियंका भी कैंपेन में होतीं तो क्या यह बेहतर नहीं होता
इस पर इन्होंने कहा कि प्रियंका जी जैसी प्रभावी कमेंट करती हैं काबिले तारीफ होती है. वह थोड़े से शब्दों में बहुत सी बातें कह देती हैं. प्रियंका की नीच जाति का मतलब हल्की राजनीति हे इसे गलत तरीके से जाति के रूप में मोदी द्वारा प्रचार किया जाने लगा.
आर्थिक मुद्दों पर बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि डेमोक्रेसी में बदलाव होता है.
टीडीपी को हम थोड़ा बहुत सेक्युलर मानते थे. लेकिन जब मोदी के साथ जुड़ गये. बीजेपी से समझौता कर लिये फिर अब क्या कहेंगे.
स्नूपगेट एक वह घटना है. जिसमें एक महिला का फोन टेप किया गया. उसका पीछा किया गया. फोन टेप करने से पहले परमिशन लेना पड़ता है. अब इस मामले बड़ा सवाल यह है कि आईटी एक्ट का पालन क्यों नहीं हुआ.
राजनीति में जीत हार होती है. इस बार कांग्रेस हारी तो कौन लेगा जिम्मेदारी इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह तो पार्टी तय करेगी.
पूरे नंबर कैसे आएंगे ?
मैंने आपसे कहा न..इस देश की राजनीति में संघ के प्रचारकों का जिस तरह से प्रशिक्षण होता है. और प्रचारक जिस तरह से काम करते हैं कि एक झूठ सौ बार बोलो,ताकि लोग सच समझे मोदी एक संघ के बेहतरीन प्रचारक हैं. हमें नंबर जनता देगी.
मैं मानता हूं कि सरकार ने अपने कामों का सही तरीके से प्रचार नहीं किया. यह देश गंगा-जमुनी तहजीब का देश है. यहां कभी धार्मिक युद्ध नहीं हुए हैं. यहां सियासत के लिए युद्ध हुए हैं.
गुजरात में सुशासन नहीं हे वहा के अनेक अधिकारि जेल में बंद है. गुजरात की सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस पर हमको भरोसा नहीं है. गुजरात सिर्फ प्रचार में नंबर वन है. हमारी सरकार लगभग 10 साल में 15 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उपर उठाया है. लोगों को अधिकार दिया है. मेरा तो सोच है कि हर राजनीति दलों को सोचना पड़ेगा कि अब हमारी कैंपेन कैसी हो.
निजी संबंधों पर दिग्विजय सिंह ने बोलने से इंकार कर दिया है. मोदी की पत्नी से निजी मामले पर जोड़कर पूछा गया तो दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी ने बार बार झूठ क्यों बोला. 2002 से अब तक स्वीकार क्यों नहीं किया. कांग्रेस कभी भी निजी मामलों का खुलासा नहीं किया है. ना ही कभी कोई आरोप लगाए हैं. मोदी ने अभी तक अपनी पत्नी के बारे में पहले चुनाव के दौरान क्यों नहीं बताया.
हमरी चुनाव में संयमित भाषा हे, निजी मामलों पर बचना चाहिए.
हम पर जो आरोप लगे. उस पर हम लोग अपने हर जवाब को सही तरीके से जनता के बीच अपनी बात नहीं रख पाए हैं. ये ही हमारी असफलता है. मोदी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि अजय राय कमजोर कैडिंडेट नहीं हैं. वह लोकल उम्मीदवार हैं. वाराणसी की आत्मा को समझ सके.
लोकतंत्र में विपक्ष में बैठना कोई पाप नहीं है. राजनीति में दोनों का रहना बहुत जरूरी है.
कौन हैं दिग्विजय सिंह
कांग्रेस जब जब मुश्किल में घिरती है तो सामने आते हैं दिग्विजय सिंह. नरेंद्र मोदी, रामदेव और अन्ना हजारे जैसी हस्तियों से आमने सामने अकेले टक्कर लेने वाले नेता हैं दिग्विजय सिंह. इंदौर में जन्मे 67 साल के दिग्विजय सिंह दस साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 2003 में जब एमपी में कांग्रेस हारी तो दिग्विजय ने दस साल तक चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया. दस साल का संन्यास खत्म हो चुका है लेकिन दिग्विजय चुनावी मैदान से दूर ही रहे.
दिग्विजय सिंह अपने बयानों से कई बार कांग्रेस को मुश्किल में भी डाल चुके हैं. दिग्विजय ने खुलेआम बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी ठहराया साथ ही मुंबई हमले में हेमंत करकरे की शहादत पर भी सवाल उठाए. लेकिन सच ये भी है कि कई बार दिग्विजय का बयान बाद में कांग्रेस का बयान बनता है और दिग्विजय बयानों से पलटते नहीं.
दिग्विजय कांग्रेस के महासचिव हैं. राहुल गांधी के बेहद करीबी. कांग्रेस के सबसे बड़े रणनीतिकार. कांग्रेस की चुनाव समिति के सदस्य. दिग्विजय जब यूपी में कांग्रेस के प्रभारी थे तो कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई. दिग्विजय अभी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस के प्रभारी हैं. दिग्विजय अपने विरोधियों का जवाब फ्रंटफुट पर आकर इस तरह देते हैं कि आरोप लगाने वाले भी हैरान रह जाते हैं. हाल ही में उनके राजनीतिक विरोधियों ने जब उन पर निजी इल्जाम लगाए तो दिग्विजय सिंह ने अलग ही अंदाज में जवाब दिया.
चुनाव के आठ चरण खत्म हो चुके हैं और आखिरी चरण बाकी है. दिग्विजय का फिलहाल एक ही लक्ष्य है – कांग्रेस को बड़ी जीत तक पहुंचाना.