जय श्री महाकाल, ॐ नमः शिवाय !
वन्दे देव उमापतिम सुरगुरुं वन्दे जगत् कारणं,वन्दे पन्नग भूषणं मृग्धरम वन्दे पशूनाम्पतिम !वन्दे सूर्य शशांक वहिनयनम वन्दे मुकुंदप्रियम,वन्दे भक्त जनाश्रयम च वरदम वन्दे शिवम् शंकरं !!
आकाशे तारका लिंगम , पाताले हात्केश्वारह मृत्युरर्लोके महाकाले , लिंगम त्रियम नमोस्तुते ।
अवन्तिकायाम विहिव्तारम मुक्ति प्रदायनाय च सज्जनाम, अकाल मृत्तुर परिरक्शनाय, वन्दे महाकाल महा सुरेश्वरम।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
॥ॐ मृत्युंजय.. महादेव त्राहि माम् शरणागतम्। जन्म मृत्यु: जराव्याधि: पीडतम्कर्म मम् बन्धनैहिँ: ॥
कर्पूरगौरम करुणावतारम संसारसारं भुजगेंद्रहारम ! सदा वसंतम हृदया रविन्दे भवम भवानी सहितं नमामि !!
कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्णवाले ,करुणा के साक्षात् अवतार, इस असार संसार के एकमात्र सार, गले में भुजंग की माला डाले, भगवान शंकर जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय कमलों में सदा सर्वदा बसे रहते हैं ,हम उन देवाधिदेव की वंदना करते हैं !!
महाशिवरात्रि महापर्व पर मंगलकामनाये !!