देहरादून। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता जैसे मसलों पर खुली बहस पर जोर देते हुए कहा कि उनके फायदे और नुकसान पर चर्चा करने में कोई हानि नहीं है।
कें्रदीय मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता जैसे मसलों पर खुली बहस से कोई हानि नहीं है। हमें उनके फायदे और नुकसान पर चर्चा करने से भागना नहीं चाहिये।’
हालांकि, वरिष्ठ भाजपा नेता अब तक इन विवादास्पद मसलों पर अपनी राय जाहिर करने से बचते रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस पर बयान देकर अनुच्छेद 370 के मुद्दे को गरमा दिया है।
अपने मंत्रालय के बारे में सिंह ने कहा कि अभी कार्यभार ग्रहण करे उन्हें कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन मंत्रालय की प्राथमिकतायें तय की जा चुकी हैं जिनमें दूध उत्पादन को बढ़ाना, देशभर में मौजूद कृषि भूमि को सिंचित करना और खेती को आर्थिक रूप से फायदे वाले व्यवसाय में बदलने के लिये कृषि आमदनी बीमा योजना लागू करना शामिल है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय एक ऐसी योजना बनायेगी जिसके जरिये गायों की देसी नस्ल को बढ़ावा देकर दूध उत्पादन बढ़ाया जा सके।
सिंह ने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय में दुग्ध उत्पादन के मामले में हम दुनिया के अग्रणी देश थे लेकिन पिछले कुछ सालों में दुग्ध उत्पादन में कमी आयी है। इस क्षेत्र में फिर से पहले वाली स्थिति प्राप्त करने के लिये मैंने अपने अधिकारियों से गायों की देसी नस्ल को बढ़ावा देकर दूध उत्पादन बढ़ाने के लिये एक कार्ययोजना बनाने को कहा है।’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तर्ज पर प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना शुरू करने की भी एक योजना बनायी जा रही है जिससे देश भर की कृषि भूमि को शत प्रतिशत सिंचित किया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि देश में कुल 14 करोड़ हेक्टेअर कृषि भूमि है और इसमें से वर्तमान में केवल 44 फीसदी जमीन ही सिंचित है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में कृषि भूमि और उपज के नुकसान की संभावनाओं के मद्देनजर कृषि आमदनी बीमा योजना को लागू करने के भी प्रयास किये जा रहे हैं जिससे बाढ़ या अन्य दैवीय आपदाओं में कृषि को होने वाले नुकसान के एवज में किसानों को लागत मूल्य की कुछ न कुछ वापसी अवश्य हो।
उत्तराखंड के पंतनगर में स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय की दशा पर चिंता जाहिर करते हुए सिंह ने कहा कि उसके पुराने गौरव को लौटाये जाने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि पंतनगर विश्वविद्यालय में पिछले काफी समय से कोई कुलपति नहीं है। सिंह ने कहा कि उनकी योजना देहरादून स्थित केन्द्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र को भी उच्चीकृत कर उसे डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने की भी है।
उत्तराखंड में पार्टी मामलों के प्रभारी सिंह ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा को भारी बहुमत से जिताने के लिये मतदाताओं का भी आभार प्रकट किया और कहा कि वह यहां विशेष रूप से मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिये आये हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अभी तक बिहार में अपने चुनाव क्षेत्र नहीं गया हूं, क्योंकि मेरी प्राथमिकता पहले यहां आकर मतदाताओं का आभार प्रकट करना था जिन्होंने भारी बहुमत से भाजपा को जिताया।’
यह पूछे जाने पर कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दिया गया, उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। सिंह ने कहा, ‘अभी तक केवल 45 मंत्रियों ने ही शपथ ली है। यद्यपि हम एक जंबो साइज का मंत्रिमंडल नहीं बनाने जा रहे लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व मिल जायेगा।’