मीडिया द्वारा केंद्र सरकार को ‘मोदी सरकार’ और कर्नाटक राज्य सरकार को ‘बीएसवाई सरकार’ संबोधित करना क्या संविधान के विपरीत नही
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को एक कृषि विशेषज्ञ द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया। याचिका में मीडिया से आपत्ति इस बात से जताई गई कि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) और मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा भारत सरकार को मोदी सरकार और कर्नाटक राज्य सरकार को बीएसवाई या येदियुरप्पा की सरकार के रूप में संदर्भित किया जाता है। याचिकाकर्ता मल्लिकार्जुन ए ने कहा कि, “क्या कोई केंद्र सरकार को मोदी सरकार कह सकता है, क्या भारतीय संविधान इसकी अनुमति देता है। कर्नाटक राज्य सरकार को बीएसवाई सरकार कहा जाता है। यहां तक कि मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बताते हैं कि यह मोदी सरकार है या बीएसवाई सरकार।” क्या यह संविधान के तहत अनुमति योग्य है। याचिकाकर्ता द्वारा यह भी प्रस्तुत किया गया था कि व्यक्ति को हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार के प्रमुख के नाम से किसी भी सरकार को संदर्भित नहीं किया जा सकता है।”
हाईकोर्ट याचिका में आगे कहा गया है कि, “हमारे संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, राज्य में सरकारें ऐसे संबंधित राज्यों के प्रत्येक नागरिक की सरकार होती हैं और मुख्य मंत्री पद पर बैठने वाला व्यक्ति ऐसे सभी नागरिकों का प्रतिनिधि करता है। इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि वह या उसकी अपनी सरकार है। उसी तरह से केंद्र में सरकार हमारे देश के प्रत्येक नागरिक की सरकार है और प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाला व्यक्ति ऐसे सभी नागरिकों का प्रतिनिधि है और इसका यह अर्थ कभी नहीं है कि यह उनकी अपनी सरकार है।
![मीडिया द्वारा केंद्र सरकार को 'मोदी सरकार' और कर्नाटक राज्य सरकार को 'बीएसवाई सरकार' संबोधित करने से रोकने के लिए रिट याचिका पर सुनवाई](http://jagrayam.com/wp-content/uploads/2016/04/thumb.png)