रूस और यूक्रेन का गेहूं निर्यात भी प्रभावित हुआ है और ऐसी आशंका है कि आने वाले समय में भी इन देशों से गेहूं की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
चीन और भारत के बाद रूस ही गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है ।
रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं का निर्यातक है. वहीं, यूक्रेन दुनिया में गेहूं का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.
दरअसल, दुनियाभर में कुल 20 करोड़ टन के गेहूं का निर्यात किया जाता है. कुल निर्यात में रूस और यूक्रेन का हिस्सा करीब पांच से छह करोड़ टन का है. यानी दुनिया में गेहूं के कुल निर्यात का बड़ा हिस्सा रूस और यूक्रेन से
ये विश्व का लगभग 29 प्रतिशत निर्यात करते है।
कारण दोनों देश रूस और यूक्रेन में लोकल खपत अन्य प्रमुख उत्पादक देशों से अत्यंत कम है।
भारत में वर्ष 21-22 के दौरान सरकार ने गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान जारी किया है लेकिन वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती कीमत देखकर भारी मात्रा में गेहूं का निर्यात कांडला ओखा और मुंद्रा पोर्ट से प्रारंभ हो गया है,
जिससे घरेलू बाजार में भी इसकी कीमत तेज गयी है।
मध्यप्रदेश के इंदौर में मील क्वालिटी गेंहू सोमवार को 2100 से 2200 बुधवार को 2300, गुरुवार को गेहूं 2400 रुपये प्रति क्वि की दर से बिका,
लेकिन शुक्रवार को इसके दाम तेजी से बढ़ते हुये 2400-2500 रुपये प्रति क्विंटल तक भी गये।
अभी कुछ समय पहले तक गेहूं स्थानीय बाजार में दो हजार रुपये प्रति क्विंटल तक के भाव से बिक रहा था।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2022-23 के लिये 2015 रुपये प्रति क्विंटल है और किसान आमतौर पर इसी दर से गेहूं बेचने को प्राथमिकता देते हैं,
लेकिन अब बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत मिल रही है।
कारोबारियों ने एमएसपी के उपर गेहूं के भाव का होना यह दर्शाता है कि जिस तरह से गेहूं के दाम चढ़े हैँ सरकार को किसानों से इस बार कम मात्रा में गेहूं मिल पायेगा।
कृषि मंत्रालय द्वारा गत 16 फरवरी को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2021-22 में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।
देश में 11.14 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान है।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने 20,88,487.66 मिट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया , जिसकी कीमत करीब 4,037.60 करोड़ रुपये थी।
भारत मुख्य रूप से नेपाल, बंगलादेश, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और यमन को गेहूं का निर्यात करता है।
रूस और यूक्रेन के युद्धरत होने से गेहूं की वैश्विक आपूर्ति खतरे में आ गयी है और इसी के कारण अब अन्य उत्पादक देश आपूर्ति की कमी को अपने लिए अवसर पा , गेहूं का निर्यात करने के लिए चर्चा कर आपूर्ति प्रारंभ कर चुके है।
इससे वैश्विक स्तर पर गेहूं के दाम दस साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये हैं,
प्रमुख गेंहू क्रेता व निर्यातक से, एक्सपर्टस से बात हुई,
अभी गेंहू की अच्छी क्वालिटी का आ रहा है,
आवक बड़ी मंडियो में 10000 से 30000 किवंटल है,
भाव 2100- 2200 मील क्वालिटी के है,
जबकि गत सीजन में भाव 1800 से 2000 के आसपास रहे।
मील क्वालिटी गेंहू की ही देश विदेश में मांग है कांडला पोर्ट पर 2500 से 2550 में एक्सपोर्ट के खरीदी भाव है।
शरबती बहुत ही सीमित है, इसके भाव लोकल में ही 2800 से 3000 है आगे और बढ़ेंगे,
प्रदेश में गत 127 लाख टन की जगह सीमित उपार्जन संभव है।
ओपन मार्केट में कीमतें बढ़ना कंपनियों और ग्राहकों दोनों के लिए बुरी खबर है. जब कंपनियां ज्यादा दाम पर गेहूं की खरीद करेंगी, तो उनके प्रोडक्ट की कीमत भी बढ़ेगी. ग्राहकों के लिए आटे से बने प्रोडक्ट्स जैसे बिस्कुट, मैदा आदि चीजों को खरीदना महंगा हो जाएगा.
इसके अलावा बड़े ब्रांड्स के रेस्टोरेंट में खाना भी महंगा हो सकता है.
भारत के सामने गेहूं का बड़ा निर्यातक बनने का मौका
हालांकि, यह भारत के लिए एक अच्छा अवसर भी है. देश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर साबित हो सकती है.
रूस और यूक्रेन जो गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं, वहां सप्लाई चैन में बड़ी रूकावटें हैं. ऐसे में, भारत गेहूं का उत्पादन बढ़ाकर दुनिया का एक बड़ा गेहूं के लिए निर्यातक के तौर पर सामने आ सकता है.
भारत गेहूं का दूसरा बड़ा उत्पादक है.
मौजूदा समय में भारत के पास गेहूं की सप्लाई भी पर्याप्त है जो निर्यात बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है.
1 फरवरी तक देश के केंद्रीय पूल में 2.82 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है.
इसके अलावा बाजार और किसानों के पास भी पिछला स्टॉक पड़ा है.
इस साल भारत में गेहूं के 11.14 करोड़ टन से ज्यादा के उत्पादन का अनुमान है.
सालभर में देश की अपनी खपत लगभग 10.5 करोड़ टन रहती है।
यानी केंद्रीय पूल , ओपन मार्केट स्टॉक, पुराना शेष मिलाकर, घरेलू जरूरत पूरा होने के बाद भी निर्यात के लिए एक से दो करोड़ टन पर्याप्त गेहूं है जबकि भारत का पूर्व वर्ष का निर्यात 20 लाख टन को देखते हुए संभावना अपार है।