सनातन हिन्दू समाज और समग्र भारतीय जनमानस ने गुरमीत रामरहीम , आसाराम, रामपाल, रामवृक्ष जैसे गुंडो बलात्कारियो को अपना संत कभी नही माना, मीडिया ने सदैव इन तत्वो की करतूतों को उजागर कर जमकर निंदा कर समाज को जागृत कर न्यायालय को ऐसे आततायियों पर अंकुश लगाने हेतू कार्रवाही के लिए, सरकार को विवश किया,
यह सनातन धर्म की , हमारी खूबी है कि धर्म मे प्रदूषण फेला रहे और मासूमो का हर तरह से शोषण कर रहे इन गुंडो पर कार्रवाही सनातन हिन्दू समाज ने स्वयं किया,
इस प्रकरण की सर्वाधिक भर्त्सना जागरूक देश भक्त नागरिक स्वयं एक स्वर से कर रहे है,
हालांकि इसमे अपवाद स्वरूप कुछ बेशर्म और निकृष्ट लोग भी हर दौर में रहे है, को छोड़ देवे जो की भी स्वयं उसी तरह की प्रवर्ति के ही है,
यही तत्व सनातन धर्म के राष्ट्र के वास्तविक व सर्वाधिक हानिकारक शत्रु है,
बुरे और ख़राब व्यक्ति दैत्यों दानवो दुर्योधन और दुःशासन के रूप में समाज मे रहे है
अब कितने प्रतिशत में थे और हे पर मतान्तर हो सकता है,
अभी तो उन दो साध्वियों का अभिनंदन करना चाहिए जिसके कारण चार राज्यो और समूची सरकार पर भी बुरी तरह भारी गुंडे की और उसके गिरोह की असलीयत उजागर हो स्थापित हो सकी,
इसमे जो जज वकील और गवाह है उन पर कितना दबाव होगा,
कई गवाहों और मीडिया कर्मियो की हत्या भी हुई पर उन साध्वियों ने असंभव के विरुद्ध अपने संघर्ष को अंतिम निष्कर्ष परिणीति तक पहुँचाया,
शायद इसीलिये कहते है, सत्य मेव जयते
अपराधी जो धर्म के नाम पर आम आदमी की आस्था भावना का उपयोग कर लोगो को नोंच रहे है, आज के युग के असली पापी राक्षस है, उनकी एकमत से निंदा करना अधिक योग्य प्रतीत होता है
अपने शूद्र राजनेतिक स्वार्थ के लिए शहर जलने दिया उच्चन्यायालय ने एक बलात्कारी गुंडे के गिरोह के सम्मुख सरकार के सरंडर करने पर कठोर भर्त्सना की, गुंडा गिरोह की संम्पति जप्त कर नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए, ३० लोगो की हत्या और करोडो के नुकसान आईजी को चांटा मारने पर भी न्ययालय दण्डित कर सकता हे,
अपराधी वे भी हे जो इन गुंडों को बाबा बोल महिमामंडित करते हे
