उज्जैन।शुक्रवार अलसुबह जब अखाड़ों के साधु-संत अपनी-अपनी छावनी से शिप्रा में डूबकी लगाने के लिए निकले ढोल-ताशों पर करतब दिखाते हुए थिरकते नागा साधु, गाजे-बाजे से आगे बढ़ता काफिला, हर-हर महादेव से गूंजता वातावरण व भजनों पर झूमते अनगिनत श्रद्धालु से सराबोर रहा प्रथम शाही हनुमान जयंती अमृत महापर्व स्नान । सुबह साढ़े पांच बजे तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा कैंप से साधु-संत बग्घियों में सवार होकर स्नान के लिए निकले। बैंड-बाजों व ढोल-नगाड़ों के साथ बग्घ्ाियों व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में साधु-संत सवार थे जबकि नागा साधु कतारबद्ध होकर चल रहे थे।
पहले शाही स्नान के साथ सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरूदेश के धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक स्वरूप के प्रतीक सिंहस्थ महाकुंभ का शुभारंभ शुक्रवार को हजारों संतों व लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। पुण्य सलिला शिप्रा में अमृत स्नान की हजारों साल पुरानी परंपरा 12 साल बाद फिर साकार हुई। धर्म, जाति, पंथ की मान्यताओं से ऊपर उठकर मप्र की ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी उज्जैन में लघु भारत सा नजर आ रहा है। सनातन धर्म के विश्व में सबसे बड़े सिंहस्थ महाकुंभ का शुभारंभ ब्रह्म मुहूर्त में शुक्रवार 22 अप्रैल को हुआ। पहले अमृत स्नान में लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला शिप्रा में स्नान किया। रात तक स्नान करने वालों की संख्या 10 लाख के पार पहुंचने के आसार थे।
शिप्रा में अल सुबह शाही स्नान की शुरुआत के साथ उज्जैन महाकुंभ पर्व की शुरुआत हो गई है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु भी सिंहस्थ अमृत स्नान का पुण्य लाभ लेने शिप्रा तट पर पहुंचे।यहां करीब 7 किमी तक शिप्रा नदी पर बने अगल-अलग घाटों पर लोगों ने स्नान किया। उधर अल सुबह महाकालेश्वर मंदिर में हुई भस्म आरती के दौरान बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। रात से ही भस्म आरती में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ महाकाल मंदिर बाहर लग गई थी। उज्जैन कमिश्नर पस्तोर व कलेक्टर कवींद्र कियावत के अनुसार 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने शिप्रा में स्नान किया। दिन यह श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने से यह आंकड़ा और बढ़ता जाएगा।
देर रात से ही कई
जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंदजी ने दत्त अखाड़ा तट पर नागा साधुओं के साथ स्नान किया।
21 मई तक चलने वाले महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़ों समेत तमाम संतों के पांडालों में निजी व विश्व कल्याण की कामना के साथ धार्मिक-आध्यात्मिक अनुष्ठान सत्संग प्रवचन होंगे।
सिंहस्थ महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
पेरिस से आया 12 लोगों का दल,सिंहस्थ में भाग लेने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस से 12 सदस्यों का दल आया है। इसके सदस्य जॉर्ज सुआक ने पीटीआई को बताया कि जब से हमें इस महाकुंभ की सूचना मिली थी, तभी से हमें इसका इंतजार था। विशाल जनसैलाब देखना, साधुओं के दर्शन, सत्संग व उनके फोटो खिंचना उत्साहवर्धक रहासत्यमित्रानंदजी का नरेंद्रगिरि ने किया अभिवादन
6.30 बजे सत्यमित्रानंदगिरिजी कार से स्नान के लिए पहुंचे तब निजरंनी अखाड़ा के साधु-संत शंकराचार्य चौराहे तक पहुंच चुके थे। पुलिस ने उनकी कार को भीड़ से आगे पहुंचाया। निरंजनी अखाड़े के काफिले के आगे उनकी कार को ले जाया गया। कार जैसे ही वहां पहुंची सत्यमित्रानंदजी को देखकर काफी लोग उनके दर्शन के लिए जमा हो गए। निरंजनी अखाड़े के शोभायात्रा में सबसे आगे चल रहे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्रगिरिजी भी महाराज के पास पहुंचे और उनका अभिवादन किया।
जयघोष के साथ वैष्णव पहुंचे रामघाट
तीनों वैष्णव अणि अखाड़े जयघोष के साथ रामघाट पर पहुंचे। निर्मोही अणि अखाड़ा क्रम में सबसे आगे था, जो सुबह 8 बजे रामघाट पर स्नान के लिए पहुंचा। इसके साथ ही दिगंबर अणि, निर्वाणी अणि अखाड़ा से जुड़े 700 से अधिक खालसों के महंत-श्रीमहंत शामिल थे। स्नान के बाद वापसी अंकपात क्षेत्र में सुबह 10.30 बजे हुई।
वैष्णव अखाड़े के वाहनों का क्रम बनाने में अफरा-तफरी
वैष्णव अणि अखाड़ों के वाहनों के क्रम जमाने में अंकपात क्षेत्र में अफरा-तफरी मचती रही। आगे निकलने की होड़ में संत के वाहन टकराते देखे गए।
आकर्षण का केंद्र रहे सोने के सिंहासन पर निकले नित्यानंद
विवादित संत परमहंस नित्यानंद महानिर्वाणी अखाड़े में सबसे पीछे चल रहे थे। पूरी शोभायात्रा में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र वे और उनके अनुयायी रहे। दक्षिण भारतीय शैली में निकले उनके जुलूस में छतरियां लेकर करीब 800 से ज्यादा विदेशी, दक्षिण भारतीय अनुयायी व अन्य चल रहे थे। इस दौरान भजनों पर अनुयायियों ने जमकर नृत्य किया। इसके पीछे भव्य रथ पर सोने के सिंहासन पर नित्यानंद विराजित थे। घाट पर जब नित्यानंदजी स्नान करने के लिए पहुंचे तो कुछ समय के लिए घाट पर दक्षिण भारतीय व यूरोपियन कल्चर देखने को मिला।
दिग्विजय सिंह ने गौ घाट पर लिया अमृत स्नान का लाभ .
पहले अमृत स्नान पर माता-पिता ने अपने छोटे-छोटे बच्चों को भ्ाी शिप्रा स्नान कराया। उज्जैन की 8 माह की इशिका को उसकी मां ने डुबकी लगवाई। कई अभिभावक बच्चों को साथ लाए और पुण्य लाभ लिया।
पहले अमृत स्नान में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पुण्य कमाया। एक माह चलने वाले महाकुंभ में देश-दुनिया से इस बार 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने गौ घाट पर लिया अमृत स्नान का लाभ .
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शुक्रवार साय को पवित्र क्षिप्रा में स्नान किया स्नान
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शुक्रवार शाम उज्जैन पहुंचे, उन्होंने अफसरों से सिंहस्थ तैयारियों के हाल जाने फिर स्नान किया , स्नान का सिलसिला गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 12 बजे से शुरू हो गया था और शुक्रवार रात करीब 8 बजे तक जारी रहा। गुरुवार रात को रामघाट और दत्त अखाड़े पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। शुक्रवार दोपहर बाद श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला तेज हो गया। भूखी माता घाट, नृसिंह घाट, गऊघाट, मंगलनाथ और गंगाघाट पर भी लोग बड़ी संख्या में स्नान करने पहुंचे।